सवाई माधोपुर. इन दिनों देश के सामने कोरोना का संकट सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार चेता रही है कि कोरोना से बचाव ही सबसे अहम हथियार हैं, लेकिन हमारा समाज बेटे-बेटियों की शादियों के लिए हजारों की संख्या में लोगों को विवाह समारोह में आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण बांट रहे हैं। सरकार कह रही हैं कोई भी चीज को बिना सेनेटाइजेशन के नहीं छूएं, लेकिन वहां विवाह समारोह में हजारों लोगों की भीड़ जमा कर बिना किसी सेनेटाइजेशन और बिना किसी सावधानी के एक साथ खड़े होकर हर चीज को छूने की तैयारी की जा रही हैं।
अगर ऐसा हुआ तो यह बहुत बड़ा संकट खड़ा कर देगा। अगर किसी विवाह समारोह में एक भी व्यक्ति संक्रमित पहुंच गया तो समझो हालात बेकाबू हो जाएंगे। लाख खोजने पर भी एक के कारण संक्रमित होने वाले लोग घर घर में पहुंच जाएंगे और फिर घर से मोहल्ला और मोहल्ले से पूरे शहर में इसे फैलने से रोकना असंभव हो जाएगा। इन हालातों में सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि विवाह समारोह को पूरी सादगी एवं सतर्कता के साथ बहुत कम लोगों के साथ संपन्न करें।
2 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे विवाह समारोह
पंडित दिनेश शर्मा के अनुसार हिन्दू समाज में 2 अप्रैल से विवाह समारोह शुरू हो जाएंगे। पंचांग के अनुसार 2 एवं 8 अप्रैल को लोगों द्वारा अबूझ सावा मानते हुए विवाह किए जा रहे हैं। इसके बाद 20, 26, 27 अप्रैल, 1, 2, 4, 5, 7, 17, 18, 19, 24, एवं 29 मई को सावे होंगे और इसके बाद निरंतर अलग अलग तिथियों में सावों पर विवाह समारोह हो सकते हैं। शर्मा के अनुसार इस दौरान 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया एवं 7 मई को पीपल पूनम के अबूझ सावे हैं। इन दोनों सावों में एक एक गांव में 20 से 25 तक विवाह होते हैं। किसी भी गांव एवं शहर में कोई भी ऐसा नहीं बच पाता हैं जो इन दोनों सावों पर किस न किसी विवाह समारोह का निमंत्रण प्राप्त नहीं रकता हो। अर्थात इन दो दिनों में हर आदमी अपने घर से निकल कर किसी न किसी समारोह में भाग जरूर लेता हैं। शर्मा के अनुसार 2 अप्रैल से 29 मई के दौरान जिले में 5 हजार से ज्यादा विवाह समारोह हो सकते हैं।