जोधपुर. जोधपुर. कोरोना की दशहत के बीच अच्छी खबरें भी आ रही हैं। वह हैं कोरोना को मात देने की। ऐसी ही एक खबर अब जोधपुर से आई है। यहां शहर का पहला संक्रमित युवक हिमांशु अब ठीक है और हॉस्पिटल से घर आ गया है। कोरोना से जंग जीतने में डॉक्टर्स एवं मेडिकल स्टाफ की केयर और युवक का आत्मविश्वास काम आया। डॉक्टरों ने इलाज के दौरान हिम्मत बनाए रखने के लिए हिमांशु को तालियां बजाकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया। वहीं, हिमांशु ने भी उसकी चौबीस घंटे केयर करने के लिए डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।
22 मार्च को पॉजिटिव आई थी रिपोर्ट
शास्त्रीनगर में रहने वाले 36 साल के हिमांशु को सुनने और बोलने में दिक्कत है। वे पूरी तरह से सुन नहीं पाते है और साफ शब्दों में अपनी बात कह नहीं पाते है। वह शहर की एक शेयर कंपनी में काम करते हैं। तुर्की से लौटने के बाद 22 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। अगले दिन उनके चाचा-चाची की रिपोर्ट भी पॉजिटिव मिली। इसके बाद शहर के एमडीएम हॉस्पिटल में उनका इलाज चला। जबकि हिमांशु की मां, पत्नी, बेटी और बाई को भी आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में क्वारेंटाइन रखा गया था।
डॉक्टरों ने की बहुत मदद: हिमांशु
सोमवार रात हिमांशु को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उसी समय क्वारेंटाइन से लौटा उनका परिवार एंबुलेंस में इंतजार कर रहा था। कोरोना को पराजित कर घर लौटे हिमांशु ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी घबराहट थी, लेकिन डॉक्टरों ने हौसला बढ़ाया और फिर सब कुछ सामान्य होता चला गया। अस्पताल में सभी लोगों का नजरिया बेहद सकारात्मक रहा। इससे काफी संबल मिला। अब घर आकर वापस परिजनों से मिलना बहुत अच्छा लग रहा है।
मुश्किल से गुजरे शुरुआत के दिन:हिमांशु की मां
हिमांशु की मां आशा ने कहा कि बेटे को कोरोना होने से उसे अस्पताल ले जाय गया। मुझे, बहू, पोती के अलावा हमारी कामवाली बाई को क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया। बेटे से मिल नहीं पाने की मजबूरी और क्वारैंटाइन सेंटर में सबसे अलग रहना। शुरुआत के कुछ दिन बहुत मुश्किल से गुजरे। बाद में हालात से समझौता कर सब कुछ भगवान और डॉक्टरों पर छोड़ दिया। डॉक्टरों ने भरोसा दिलाया और हमारी भी हिम्मत बढ़ने लगी। हमारी और बेटे की देखभाल करने वाले डॉक्टरों को चाहे कितना भी धन्यवाद दे कम ही होगा। आज उनकी बदौलत ही मेरा बेटा ठीक होकर घर लौट आए है। इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है।
प्रशासन को सहयोग करे सभी: हिमांशु की पत्नी
हिमांशु की पत्नी नीलम ने बताया कि लोग अपनी सजगता से कोरोना जैसी महामारी को पराजित कर सकते है, जैसा कि हिमांशु ने किया है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे अतिरिक्त सावधानी बरते और थोड़े लक्षण नजर आते ही तुंरत प्रशासन को जानकारी दें। हमारे यहां बेहतरीन डॉक्टर्स की टीम है। ऐसे में घबराने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी को अपने आसपास कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो उसकी जानकारी भी प्रशासन को देनी चाहिए। ताकि उनका समय रहते इलाज हो सके और यह बीमारी अन्य लोगों में नहीं फैले। उन्होंने कहा कि क्वारैंटाइन सेंटर में डॉक्टरों ने हमारी बहुत शानदार देखभाल की और हमें किसी प्रकार की दिक्क्त नहीं होने दी।
फोटो एल देव जांगिड़